बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास
प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
अथवा
वैज्ञानिक पुरातत्ववाद से पुरातत्व जगत में किस प्रकार की प्रगति हुई, वैज्ञानिक पुरातत्ववाद का अविष्कार किन कारणों से हुआ?
अथवा
पुरातत्व विज्ञान में 20वीं सदी के बाद के विकास को बताइए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. पुरातत्व सिद्धान्त क्या है?
2. पत्थर के औजारों की पहचान कब हुई?
3. रेडियोधर्मी कार्बन डेटिंग क्या है?
उत्तर -
पुरातत्वविद् पहले एक वर्णनात्मक कार्यकर्ता होता है उसे वर्णन करना, वर्गीकृत करना और विश्लेषण करना होता है। यही पुरातत्व का आधार है, परन्तु पुरातत्वविद् का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक संदर्भों में भौतिक अवशेषों को रखना है, जो लिखित स्रोतों से ही जाना जा सकता है, सारांशतः, पुरातत्वविद् एक इतिहासकार है उसका उद्देश्य मनुष्य के अतीत का व्याख्यात्मक विवरण है।
पुरातत्व भौतिक व जैविक विज्ञान
वर्तमान काल में पुरातत्ववेत्ता कई वैज्ञानिक तकनीकों का भी प्रयोग कर रहे हैं। वह इस कार्य में कई ऐसे व्यक्तियों की वैज्ञानिक विशेषता का उपयोग करते हैं, जो पुरातत्वविद् भी नहीं होते। ऐसे लोग ज्यादातर पौधे, जानवरों, मिट्टी और चट्टानों की पहचान और वर्णन करने के लिए वनस्पतिशास्त्रीयों, प्राणीविकों, मिट्टी वैज्ञानिकों और भू-वैज्ञानिकों होते हैं। पुरातत्व भौतिक और जैविक विज्ञान के तरीकों, तकनीकों और परिणामों का व्यापक रूप से उपयोग करता है जैसे कि 'रेडियोधर्मी कार्बन डेटिंग ने क्रांति का कार्य किया।
पुरातत्वविद् की विशेषता
पुरातत्वविद् पहले एक शिल्पकार होता है, जो कई विशिष्ट शिल्पों का अभ्यास भी करता है और फिर एक इतिहासकार पुरातत्व का प्रत्यक्ष निष्कर्ष कला और विज्ञान पर आधारित होता है जोकि अनुमान से यह कलाकृतियों को बनाने वाले लोगों के समाज, धर्म और अर्थव्यवस्था के बारे में भी जानकारी देता है। किन्तु एक पुरातत्वविद् कभी भी मनुष्य के इतिहास की पूरी श्रृंखला को कवर नहीं कर सकता, क्योंकि पुरातत्व की कई शाखाएँ भौगोलिक क्षेत्रों या काल के अनुसार विभाजित हैं।
वैज्ञानिक पुरातत्व का विकास
पिछली तीन शताब्दियों के पुरातत्व और खजाने के संग्रह से 19वीं शताब्दी के यूरोप में वैज्ञानिक पुरातत्व का विकास तीन चीजों के कारण हुआ, एक भू-वैज्ञानिक क्रांति एक पुरातात्विक क्रांति और विकास के सिद्धान्त का प्रचार। 19वीं शताब्दी की शुरूआत में एकरूपता के सिद्धान्त की खोज और प्रदर्शन के साथ भू-विज्ञान में क्रांति आ गई थी। चार्ल्स लिएल, इन्होंने भू-विज्ञान के सिद्धान्तों से इस प्रणाली को लोकप्रिय बनाया और मनुष्य की महान पुरातनता को स्वीकार करने का मार्ग प्रशस्त किया। 16वीं शताब्दी के मध्य से यूरोप में पत्थर के औजारों की पहचान की गई, जो 4004 ईसा पूर्व से भी अधिक पुराने थे। बाइबिल कालक्रम के अनुसार मनुष्य की उत्पत्ति की तारीख 18वीं शताब्दी के अंत तक मान्यता प्राप्त नहीं थी।
स्कैडिनेवाई पुरातत्वविदों ने पुरातात्विक आधार पर मनुष्य के अतीत में क्रमिक तकनीकी चरणों को निर्धारित करके पुरातनपंथी विचार में एक क्रांति ला दी। सीजे थॉमसन ने कोपेनहेगन संग्रहालय में सामग्री को वर्गीकृत किया, जिसे 1819 में जनता के लिए खोला गया था, जो कि लगातार तीन युगों के आधार पर था पत्थर, कांस्य और लोहा। उनके शिष्य और उत्तराधिकारी ने डेनिश पीट बोग्स और बैरो (अंतिम संस्कार के टीले) में प्रेक्षिप स्ट्रैटिग्राफी द्वारा इस संग्रहालय की व्यवस्था की शुद्धता को दिखाया। 1850 के दशक के मध्य में स्विट्जरलैण्ड में निम्न झील के स्तर ने प्रागैतिहासिक स्विस झील के आवासों की खुदाई की अनुमति दी, परिणामस्वरूप यहाँ फिर से तकनीकी चरणों के उत्तराधिकार के सिद्धान्त की पुष्टि हुई।
ओरिजिन ऑफ स्पीशीज डार्विन की ओरिजिन ऑफ स्पीशीज' ने मनुष्य के लिए एक लम्बा अतीत और मानव के विचारों को स्पष्ट किया। 19वीं शताब्दी के अंतिम चार दशकों में हुए विकास ने विचार का एक ऐसा माहौल तैयार किया जिसमें पुरातत्व फला-फूला और जिसने मनुष्य के विकास की पूरी कहानी को सामने लाने में बड़ी प्रगति की अपनी नयी थ्योरी में लुबांक ने आयु प्रणाली को चार आयु प्रणाली में विस्तारित किया, पाषाण युग को पुराने और नये काल में विभाजित किया। 19वीं शताब्दी की अन्तिम तिमाही में फ्रांस और स्पेन में उल्लेखनीय पुरापाषाणकालीन खोजें की गईं।
20वीं सदी और उसके बाद का विकास
20वीं शताब्दी में पुरातत्व का विस्तार निकट पूर्व, भूमध्य सागरीय और यूरोप के क्षेत्रों के बाहर, दुनिया के अन्य भागों में देखा गया। 20 के दशक की शुरूआत में मोहनजोदड़ो और हड़प्पा वर्तमान पाकिस्तान में प्रागैतिहासिक सिंधु सभ्यता के अस्तित्व का पता चला। पूरे विश्व में पाषाण युग का वर्णन और अध्ययन किया गया। गहन कार्यों ने फिलिस्तीन के जेरिको में प्रारम्भिक नवपाषाण स्थलों को प्रकाश में लाया है।
आधुनिक तकनीकें
आधुनिक तकनीकें जिन्हें पुरातात्विक पूर्वेक्षण रोजगार पर लागू किया गया है। विद्युत पूर्वेक्षण की एक विधि, जो मिट्टी में मौजूद विद्युत चालकता को डिग्री के आधार पर प्रदान की गयी व पुरातत्वविदों द्वारा 1940 के दशक के अंत में उपयोगी साबित हुई। पूर्वेक्षण के चुम्बकीय तरीके उनके कारण होने वाली चुम्बकीय गड़बड़ी का पता लगाकर दबी हुई विशेषताओं का पता लगाते हैं। एक अमेरिकी अभियान ने सिसिली चुम्बकीय पूर्वेक्षण द्वारा (विद्युत चुम्बकीय विधियाँ 1962 से) साइट की खोज की, जो खदान संसूचकों में प्रयुक्त अवधारणाओं के विकास को नियोजित करते हैं व स्पंदित प्रेरण मीटर और मिट्टी-चालकता मीटर जैसे उपकरण चुम्बकीय मिट्टी की विसंगतियों का पता लगाते हैं।
पुरातत्व सिद्धान्त
पुरातत्व सिद्धान्त विभिन्न बौद्धिक ढांचे को संदर्भित करता है जिसके माध्यम से पुरातत्वविद् पुरातात्विक डेटा की व्याख्या करते हैं। पुरातत्व सिद्धान्त पुरातत्व के लिए विज्ञान के दर्शन के अनुप्रयोग के रूप में कार्य करता है। कुछ पुरातात्विक सिद्धान्त, जैसे कि प्रक्रियात्मक पुरातत्व यह मानते हैं कि पुरातत्वविद् अपनी जाँच के लिए वैज्ञानिक पद्धति को लागू करके पिछले समाजों के बारे में सटीक, उद्देश्यपूर्ण जानकारी विकसित करने में सक्षम हैं। 20वीं शताब्दी की शुरूआत से, पुरातात्विक पद्धति के अधिकांश खातों ने डेटा को स्वीकार कर लिया है जिसे पुरातत्वविद् ने बाद में सैद्धान्तिक दृष्टिकोण के माध्यम से व्याख्यायित किया है।
|
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
- प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
- प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
- प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
- प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
- प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
- प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
- प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
- प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
- प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
- प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
- प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
- प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
- प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
- प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।